उच्च रक्तचाप कारण लक्ष्ण व उपचार | Hypertension causes Symptoms and Treatment |

रक्तचाप के बारे में जानने से पहले हमें मानवीय हृदय के कार्यों को समझना चाहिए | हृदय हमारे शरीर में दिया गया एक बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है जो कि भ्रूण के विकास से लेकर जीवन के अंत तक निरंतर अपना कार्य लगातार करता रहता है और शरीर को सुचारू रूप से चलाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है | यह पोषक तत्व और ऑक्सीजन को धमनियों के माध्यम से शरीर के अन्य अंगों तक को पंप करता है जिससे बाकी अंग अपना कार्य सुचारू रूप से करते रहते हैं | शरीर का केवल यही एक ऐसा अंग है जो जीवन की शुरुआत से लेकर जीवन के अंत तक लगातार चलता रहता है | यहां यह कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा स्वस्थ हृदय की स्वस्थ जीवन का आधार है |

Hypertension Causes and Treatment

उच्चरक्तचाप की समस्या हृदय से जुड़ी समस्या है | आजकल की जीवन शैली में लोगों में यह समस्या काफी ज्यादा देखने में आ रही है | तो आज के इस लेख में हम उच्च रक्तचाप कारण लक्ष्ण व उपचार | Hypertension causes Symptoms and Treatment | पर चर्चा करेंगे |

उच्च रक्तचाप क्या है |(What is Hypertension)

मानवीय हृदय धमनियों के माध्यम से पूरे शरीर में खून के बहाव को नियंत्रित करता है | जब धमनियों में रक्त का बहाव तेज गति से होने लगे तो उच्च रक्तचाप की समस्या बन जाती है | जिसे उच्च रक्तचाप कहा जाता है सामान्य तौर पर एक व्यक्ति में साधारण रक्तचाप 80 से 120 के बीच में रहता है  | जब इस रक्तचाप की सीमा बढ़ जाए तो ऐसी स्थिति में उच्च रक्तचाप की समस्या बन जाती है और अब रोगी को इलाज की

Hypertension Causes and Treatment

आवश्यकता रहती है | इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए और इस समस्या का पता लगने पर जल्द से जल्द विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए | आमतौर पर इस समस्या को साइलेंट किलर भी माना जाता है | सामान्य तौर बढ़ती उम्र के साथ उच्च रक्तचाप की समस्या लोगों में देखने में आती है इसलिए हर साल आपको अपने रक्तचाप की जांच जरूर करनी चाहिए | रक्तचाप को सफाईगमोंमैनोमीटर से मापा जाता है | जिसमें सामान्यतः यह mmHg द्वारा दर्शाया जाता है | इसके दो आंकड़े होते हैं –

  • सिस्टोलिक दबाव – जब हृदय रक्त के बहाव को बाहर की ओर पंप करता है तब रक्त के इस दबाव को सिस्टोलिक दबाव कहा जाता है |
  • डायस्टोलिक दबाव – जब हृदय दो धड़कनों के बीच आराम करता है तब इसे डायस्टोलिक दबाव कहा जाता है|

उदाहरण के लिए जब आपका रक्तचाप 80 -120 है या 120/80mmHg है | तब इस अवस्था में 120 सिस्टोलिक दबाव है और 80 डायस्टोलिक दबाव | 120/80mmHg एक सामान्य व्यक्ति का रक्तचाप माना जाता है

रक्तचाप की समस्या को दो भागों में समझा जा सकता है हृदय द्वारा पंप किए जाने वाले खून का प्रवाह व धमनियों के अंदर उस खून के प्रति प्रतिरोध की क्षमता | सामान्य तौर पर जब धमनियों में रक्त का बहाव तेज गति से होने लगता है तो यह उच्च रक्त चाप की समस्या कहलाती है | अब इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं | जैसे कि किसी प्रकार की घबराहट की स्थिति, व्यक्ति तनाव में रहना और कई बार तो यह सामान्य तौर पर ही खून का बहाव अपने आप शरीर में तेज गति से होने लगता है जिससे शरीर के अन्य अंगों को भी प्रभाव पड़ सकता है | अंग्रेजी में इस समस्या को हाइपरटेंशन कहा जाता है |

उच्च रक्तचाप के लक्षण (Symptoms of Hypertension) 

उच्च रक्तचाप की स्थिति के निम्नलिखित लक्षण पाए जाते हैं जैसे कि

  • सिर में दर्द होना
  • सांस लेने में तकलीफ होना
  • सामान्य देखने की स्थिति में बदलाव
  • नाक से खून आना
  • उच्च रक्तचाप की विभिन्न श्रेणियां

रक्तचाप की स्थिति

रक्तचाप

सामान्य हाइपरटेंशन 120/80 – 139/89
माइल्ड हाइपरटेंशन 140/90 – 159/99
मिडल हाइपरटेंशन 160/110 – 179/109
सीरियस हाइपरटेंशन 180/110 या इससे अधिक

 

Hypertension Causes and Treatment

उच्च रक्तचाप के कारण (Causes of Hypertension)

सामान्य अवस्था में रक्तचाप के कारण नजर नहीं आते वही जैसे-जैसे व्यक्ति की उम्र बढ़ती रहती है रक्तचाप की समस्या धीरे-धीरे सामने आती रहती है कुछ जरूरी कारण जिनके बारे में नीचे बताया गया है जो कि रक्तचाप के कारण हो सकते हैं |

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  • कम शारीरिक गतिविधि करना
  • भोजन में नमक का ज्यादा उपयोग
  • बीड़ी सिगरेट व शराब का सेवन करना
  • तनाव का रहना
  • मोटापा
  • यह अनुवांशिक कारण से भी हो सकता है यदि परिवार में पहले ही किसी को रक्तचाप की समस्या है तो यह आगे भी रह सकती है |
  • कैफीन युक्त पदार्थों का सेवन करना जैसे चाय या कॉफी |
  • मधुमेह के रोगियों मैं भी मधुमेह के कारण उच्च रक्तचाप की समस्या रह सकती है |
  • गर्भावस्था के दौरान भी इस समस्या का जोखिम बना रहता है

उच्च रक्तचाप का उपचार (Remedy of Hypertension)

उच्च रक्तचाप की समस्या को जीवनशैली में या खानपान में बदलाव करके भी ठीक किया जा सकता है इसके कुछ उपाय नीचे दिए गए हैं –

  • योग व्यायाम व कसरत को जीवन में शामिल करना
  • भोजन में नमक के सेवन को कम करना
  • शरीर का वजन नियंत्रित रखना
  • व्यसनों से दूर रहना
  • दैनिक जीवन किसी प्रकार के खेल में हिस्सा लेना

उच्च रक्तचाप के लिए व्यायाम (Exercise in Hypertension)

शरीर को सुचारू रूप से चलाने के लिए यह बहुत ही आवश्यक है कि हर दिन 30 से 45 मिनट योगा, वर्कआउट,  सुबह की सैर या अन्य शारीरिक क्रियाकलाप किए जाएं | साथ ही कोई आउटडोर गेम्स जैसे कि बास्केटबॉल, टेबल टेनिस,  क्रिकेट,  घर में सीढ़ियां चढ़ना, साइकिल चलाना, आदि भी शरीर को एक्टिव रखने के लिए काफी मददगार साबित होते हैं |

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आहार संबंधी बदलाव (Food related Changes)

शरीर में होने वाली सभी बीमारियां कहीं ना कहीं हमारे द्वारा खाये जाने वाले आहार से संबंध रखती हैं | आहार हमारे जीवन का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है हम जो भी कुछ खाते हैं उसी के अनुरूप हमारा शरीर बनता है इसलिए आहार का विशेष महत्व है | ज्यादा से ज्यादा रेशे  युक्त व हरी सब्जियों का इस्तेमाल अपने भोजन में करना चाहिए  | मौसम के अनुरूप फलों का सेवन करना चाहिए | दैनिक दिनचर्या में कम से कम 8 से 10 गिलास पानी का सेवन भी करना चाहिए

सामान्य तौर पर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

  • उच्च रक्तचाप में कौन सा अंग प्रभावित होता है ?
उच्च रक्तचाप से मानव का हृदय प्रभावित होता है परिणाम स्वरूप हृदयाघात यह ह्रदय रोग की संभावना रहती है ज्यादातर मामलों में नजरअंदाज करने पर रोगी की मृत्यु भी हो सकती है |
  • हाइपरटेंशन के कारण

मानसिक तौर पर तनावग्रस्त रहना व जीवनशैली से संबंधित कारणों की वजह से उच्च रक्तचाप की स्थिति बन जाती है |

सार (Conclusion )

प्रिय पाठकों इस लेख में हमने उच्च रक्तचाप से संबंधित कारण लक्षण व उपचार के बारे में जाना | इस लेख में दी गई जानकारी इंटरनेट पर उपलब्ध साधनों से ही जुटाई गई है | उच्च रक्तचाप संबंधी कोई समस्या होने पर सबसे पहले आप अपने नजदीकी डॉक्टर से परामर्श जरूर लें व नियमित रूप से अपने रक्तचाप की जांच करवाते रहें | यदि यह लेख आपको अच्छा लगा हो तो कमेंट के माध्यम से हमें प्रोत्साहित जरूर करें | इस लेख में किसी प्रकार की त्रुटि के लिए क्षमा करें | इस लेख को पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत आभार |

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